नमस्कार मैं पवन कुमार भारतीय आपका स्वागत करता हूँ,मैं पेशे से सिविल इंजीनियरिंग हूँ| आपके मनोरंजन के लिये मैने ब्लॉग पे कुछ कविताएं, कहानियाँ इत्यादि भी लिखी हैं उनका भी आनंद लें,आशा है आपको मेरा ब्लॉग पसंद आएगा,आपसे अनुरोध है की निःसंकोच अपने विचारो से कमेन्ट के माध्यम से मुझे अवगत कराये, मुझे आपकी प्रतिक्रिया का इन्तजार रहेगा । यदि ब्लॉग में कोई सुधार किया जाना चाहिए या और सुन्दर बनाने में आप कोई सहायता प्रदान करना चाहते हैं तो निःसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं|
आज यह दीवार,
मेरी प्रोफाइल देखें ...
शूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा, पुर्जा कट मरे, कबहुं न छाड़े खेत (बहादुर, शूरवीर वही है, जो धर्म के लिए लड़े, चाहे शरीर का पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट जाए, पर जंग का मैदान वह कभी न छोड़े) हमारा धर्म है सचाई, भारतीयता, ईमानदारी, भाईचारा...
Thursday, September 8, 2011
आसुओ ने हँसना सिखा दिया...
मेरी एक आँख मे के आसू ने दूसरी आँख के आसू से पूछा,
कैसे हो...???????
खुशी का आसू बोला: बहुत खुश हू यार, आज क्या बताउ तुझे...
तू कैसा है?
दुख का आसू बोला: बहुत दुखी हू यार.. क्या बताउ तुझे
एक शरीर एक आत्मा, एक जीवन दो सोच कैसे?
दो एहसास वो भी साथ साथ...
तब दिल बोला यही जीवन है
यही जीवन की सच्चाई है.
इंसान यदि जीना चाहे तो फड़कता है
यदि मरना चाहे तो ता तड़पता है..
अगर ये जीवन है तो ये बनाया क्यू?
भौतिक साधनो से इसे सजाया क्यू?
इंसान का मन इसमे लगाया क्यू?
भगवान बोला: मैने जीवन इसलिए दिया की तू जी सके,
दूसरे के गम विश बना शंभू की तरह पी सके.
पर तूने खुद मायाजाल बनाया.
अपना मन इसमे बसाया
आज एक बात समझ मे आई है
सही मायने मे ये दुनिया पराई है
इसीलिए
किसी को मलहम ना दे सके तो आँखे नम ना दे,
किसी को खुशी ना दे सके तो कभी गम ना दे..
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