याद उनकी हमें पल-पल सताए क्यूँ? खुश्क अँखियों में समंदर आए क्यूँ?
तन्हा रात कटती नहीं बगैर तेरे, ख़ुशी का इक लम्हा यूँ गुज़र जाए क्यूँ?
इन्कार का गिला ना किया जब हमनें, मेरी आह पर इलज़ाम लगाए क्यूँ?
कहता है प्यार है बेपन्हा मुझसे, हर मोड़ पर हमें यूँ आज़माए क्यूँ?
महसूस नहीं कर सके मेरे गम को, आज मेरे दर्द पे मुस्कुराए क्यूँ?
हर इल्ज़ाम वो देता है इस दिल को, फिर भी मासूम बना नज़र आए क्यूँ?
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