मेरी एक आँख मे के आसू ने दूसरी आँख के आसू से पूछा,
कैसे हो...???????
खुशी का आसू बोला: बहुत खुश हू यार, आज क्या बताउ तुझे...तू कैसा है?
दुख का आसू बोला: बहुत दुखी हू यार.. क्या बताउ तुझे एक शरीर एक आत्मा, एक जीवन दो सोच कैसे? दो एहसास वो भी साथ साथ...
तब दिल बोला यही जीवन है: यही जीवन की सच्चाई है.
इंसान यदि जीना चाहे तो फड़कता है, यदि मरना चाहे तो ता तड़पता है..
अगर ये जीवन है तो ये बनाया क्यू? भौतिक साधनो से इसे सजाया क्यू?
इंसान का मन इसमे लगाया क्यू?
भगवान बोला: मैने जीवन इसलिए दिया की तू जी सके, दूसरे के गम विश बना शंभू की तरह पी सके.
पर तूने खुद मायाजाल बनाया, अपना मन इसमे बसाया
आज एक बात समझ मे आई है , सही मायने मे ये दुनिया पराई है
इसीलिए...
किसी को मलहम ना दे सके तो आँखे नम ना दे,
किसी को खुशी ना दे सके तो कभी गम ना दे...
****पवन कुमार सिन्ह****
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