आज खो गया हूँ मै रेत-पानी की तरह
पर महकता है मन मेरा रात-रानी की तरह
नासमझ है की मोल लगाती है वो
मुझे तोलती है लाभ हानि की तरह
मार दो मुझे या दफ़न कर दो...
भूल ना जाना मुझे एक कहानी की तरह..
हाथ मलते रह जाओगे एक दिन दोस्तो
और फिसल जाउंगा मैं वक़्त और जवानी की तरह
" पवन " को फर्क नहीं किसी भी रात से
आज महकता है मन मेरा रात-रानी की तरह
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