आज यह दीवार,

मेरी प्रोफाइल देखें ...
शूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा, पुर्जा कट मरे, कबहुं छाड़े खेत (बहादुर, शूरवीर वही है, जो धर्म के लिए लड़े, चाहे शरीर का पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट जाए, पर जंग का मैदान वह कभी छोड़े) हमारा धर्म है सचाई, भारतीयता, ईमानदारी, भाईचारा...

Tuesday, August 30, 2011

देश की आम जनता सोच रही है की ...


देश की आम जनता सोच रही है की जनलोकपाल बिल के मामले में अन्ना और आम जनता की जीत हुई है और अन्ना का जनलोकपाल बिल संसद में सर्व सम्मति से पास हो गया है, लेकिन हुआ इसका उल्टा है. कुटिल राजनेताओ ने सर्व सम्मति से एक साथ आम जनता को धोखा दिया है.
इन नेताओ ने अन्ना की सबसे मुख्य माँग की ३० अगस्त तक जनलोकपाल बिल संसद में पास किया जाए, को ही हाशिए पर रख दिया है. कहाँ तो अन्ना और उनकी टीम संसद की स्टॅंडिंग कमेटी में अपने जनलोकपाल बिल पर अपनी इस माँग को मनमाने की ज़िद कर रही थी की सिर्फ़ उनके जनलोकपाल बिल को ही ३० अगस्त तक संसद में पास करवाया जाए वहीं आज उसी अन्ना टीम को ही नही पता की यह जनलोकपाल बिल बनेगा कि नही और संसद की स्टॅंडिंग कमेटी उनके जनलोकपाल बिल के साथ क्या करेगी? जनलोकपाल बिल के अनुसार ही क़ानून ना बनने की स्थिति में अन्ना और उनकी टीम दोबारा अनशन करने की बात करने भी लगी है. अन्ना टीम के अनुसार ही अभी आधी जीत हुई है. पर उनकी ३० अगस्त वाली माँग का क्या हुआ?