आज यह दीवार,

मेरी प्रोफाइल देखें ...
शूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा, पुर्जा कट मरे, कबहुं छाड़े खेत (बहादुर, शूरवीर वही है, जो धर्म के लिए लड़े, चाहे शरीर का पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट जाए, पर जंग का मैदान वह कभी छोड़े) हमारा धर्म है सचाई, भारतीयता, ईमानदारी, भाईचारा...

Wednesday, September 7, 2011

"पवन " का सहारा है आज


दरिया दिल मे, पत्थर सा ख्वाब डाला है आज,,
जीत को पाया, हार को हरा डाला है आज,
हस रहे थे जो, निशा से जब डरा था मैं
खबर दो कोई उन्हे, "पवन " का सहारा है आज


पहला वास्ता मासूम का, परछाईयो से था,
नन्हे थे कदम और चढ़ना, उचाईयो पे था
माना की मावस की रातो मे, डर गया था मैं
क्यूकी चाँद सा मैं रहता, तन्हाइयो मे था


लड़ कर हालात से, क्या कर डाला है आज
जीत को पाया, हार को हरा डाला है आज,
हस रहे थे जो निशा से, जब डरा था मैं
खबर दो कोई उन्हे, "पवन " का सहारा है आज
खबर दो कोई उन्हे, "पवन " का सहारा है आज