आज यह दीवार,

मेरी प्रोफाइल देखें ...
शूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा, पुर्जा कट मरे, कबहुं छाड़े खेत (बहादुर, शूरवीर वही है, जो धर्म के लिए लड़े, चाहे शरीर का पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट जाए, पर जंग का मैदान वह कभी छोड़े) हमारा धर्म है सचाई, भारतीयता, ईमानदारी, भाईचारा...

Thursday, September 22, 2011

सच्चा प्यार ...



एक बार एक लड़का था ! जो एक लड़की को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था
उसके परिवार वालो ने भी उसका कभी साथ नहीं दिया ,फिर भी वो उस लड़की को

 

प्यार करता रहा लेकिन लड़की कुछ देख नहीं सकती थी मतलब अंधी थी !

लड़की हमेशा लड़के से कहती रहती थी की तुम मुझे इतना प्यार क्यूँ करते हो !में

तुम्हारे किसी काम नहीं सकती में तुम्हे वो प्यार नहीं दे सकती जो कोई
और देगा लेकिन वो लड़का उसे हमेशा दिलाषा देता रहता की तुम ठीक हो जोगी

तुम्ही मेरा पहला प्यार हो और रहोगी फिर कुछ साल ये सिलसिला चलता रहता है
लड़का अपने पैसे से लड़की का ऑपरेशन करवाता है लड़की ऑपरेशन के बाद अब सब

कुछ देख सब सकती थी

लेकिन उससे पता चलता है की लड़का भी अँधा था तब लड़की
कहती है की में तुमसे प्यार नहीं कर सकती तुम तोह अंधे हो.में किसी अंधे

आदमी को अपना जीवन साथी चुन सकती तुम्हारे साथ मेरा कोई future नहीं है
..तब लड़का जाने लगता है और उसके आखिरी बोल होते है



"""" मेरी आँखों का ख़याल रखना  """




 

 

 

चाँद पर्दा हटा...




रातो को अक्सर सोचता हू, बालो को अक्सर नोचता हू
क्या नाम दू, क्या नाम दू, इस रिश्ते को मैं  सोचता हू

ओ जाना हुई क्या खता , जरा हमें भी बता
ओ जाना हुई क्या खता जरा हमें भी बता
सब हार दू, सब हार दू,मै तेरे सदके वार दू
मुझे  ऐसे ना सता, ओ जाना हुई क्या खता

चलता अक्सर सपनो में,ढूढू  तुझको अपनों में
मेरी जान तू, पहचान तू,मेरा धर्म तू ईमान तू
चाँद पर्दा हटा,ओ जाना हुई क्या खता......

चंदा की चादनी तू,सूरज की रौशनी तू,
तू झरनों का पानी है, रागों की रागनी तू 
तू दूर है है तू नूर है,दिलवालों में मशहूर है
कभी तो  नजरे मिला, ओ जाना हुई क्या खता.
ओ जाना हुई क्या खता , जरा हमें भी बता

रातो को अक्सर सोचता हू, बालो को अक्सर नोचता हू
क्या नाम दू, क्या नाम दू, इस रिश्ते को मैं  सोचता हू...........