सबसे आगे निकलना भैया
मतवालों के टोलों को बस
बस्ते का भार ही ढोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
बस्ते का भार ही ढोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
बचपन निकला कक्षा में
कॉलेज में जवानी निकल गयी,
बेरोजगारी से जीवन की
हालत देखो विकल भई,
देर रात तक कर तैयारी
सरकारी परीक्षाओं की सोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
कॉलेज में जवानी निकल गयी,
बेरोजगारी से जीवन की
हालत देखो विकल भई,
देर रात तक कर तैयारी
सरकारी परीक्षाओं की सोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
जब बच्चे थे तब भी हमको
पापा ये समझाते थे,
देखो शर्मा जी के बेटे
कितने नंबर लाते हैं,
जो तुम अब भी न पढ़ते तो
बन मजदूर भार ही ढोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
पापा ये समझाते थे,
देखो शर्मा जी के बेटे
कितने नंबर लाते हैं,
जो तुम अब भी न पढ़ते तो
बन मजदूर भार ही ढोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
कोशिश करते थे हम तो पूरी
किताब न छोड़ी कोई अधूरी,
मास्टर जी की बातों से
न जाने क्यों रहती थी दूरी,
रटते जाओ जो भी रटाते
पास अगर जो होना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
किताब न छोड़ी कोई अधूरी,
मास्टर जी की बातों से
न जाने क्यों रहती थी दूरी,
रटते जाओ जो भी रटाते
पास अगर जो होना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
इज्ज़त है अंकों से हमको
बात ये सब ने समझाई,
न जाने फिर क्यों इस जग ने
शिक्षा मेरी फिर अजमाई,
आज समझ में आया हमको
क्या चांदी क्या सोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
बात ये सब ने समझाई,
न जाने फिर क्यों इस जग ने
शिक्षा मेरी फिर अजमाई,
आज समझ में आया हमको
क्या चांदी क्या सोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
हो जाते सपने पूरे गर
हमको कोई समझ पता,
पा लेते उस क्षेत्र में मंजिल
जो है अपने मन भाता,
भटक रहे जो जीवन में
बस इसी बात का तो रोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
हमको कोई समझ पता,
पा लेते उस क्षेत्र में मंजिल
जो है अपने मन भाता,
भटक रहे जो जीवन में
बस इसी बात का तो रोना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
गुजरा है ये वक़्त मगर अभी
सामने जीवन पूरा है,
पाना है मुझे ख्वाब वो अपना
अब तक जो अधूरा है,
बढ़ना है, पानी ऊँचाई है
अब हो जाए जो होना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
सामने जीवन पूरा है,
पाना है मुझे ख्वाब वो अपना
अब तक जो अधूरा है,
बढ़ना है, पानी ऊँचाई है
अब हो जाए जो होना है,
सबसे आगे निकलना भैया
यही तो सबका रोना है।
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