आज यह दीवार,

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शूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा, पुर्जा कट मरे, कबहुं छाड़े खेत (बहादुर, शूरवीर वही है, जो धर्म के लिए लड़े, चाहे शरीर का पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट जाए, पर जंग का मैदान वह कभी छोड़े) हमारा धर्म है सचाई, भारतीयता, ईमानदारी, भाईचारा...

Monday, September 5, 2011

स्वतंत्रता दिवस


वतन हमारा ऐसे छोड़ पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसे तोड़ पाए कोई,
जान लुटा देंगे, वतन पे हो जायेंगे कुर्बान,
सब मिलकर कहते हैं हमारा देश महान !

कई धर्मों का हमारा देश है,
फिर भी एक दूजे से प्यार है,
कितने लोग, है अलग-अलग भाषाएँ,
फिर भी सबकी एक जुबां है !

हम अपने देश का सम्मान करें,
शहीदों की शहादत याद करें,
सब हाथों पे हाथ रखकर कहें,
जो कुर्बान हुए, उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाएं !

मिलकर हम सब यतन करें,
हिन्दुस्तान हमारा खुशहाल रहे,
अपने ध्वज की जो मर्यादा करें,
वही भारत का सच्चा नागरिक कहलाये !

मुश्किल नहीं कोई भी काम,
हम करते है तिरंगे को सलाम,
जब जब ये तिरंगा लहराएगा,
देशभक्ति के किरणों को फैलाएगा !

ये ध्वज हिस्दुस्तान की शान है,
इस देश के बलिदानों की जान है,
ये देश है हमारा, हम इसे बचाए,
आओ गर्व से स्वतंत्रता दिवस मनाये !

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