आज यह दीवार,

मेरी प्रोफाइल देखें ...
शूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत, पुर्जा, पुर्जा कट मरे, कबहुं छाड़े खेत (बहादुर, शूरवीर वही है, जो धर्म के लिए लड़े, चाहे शरीर का पुर्ज़ा पुर्ज़ा कट जाए, पर जंग का मैदान वह कभी छोड़े) हमारा धर्म है सचाई, भारतीयता, ईमानदारी, भाईचारा...

Monday, September 5, 2011

मुझे बड़ा दुःख होता है जब मै गायों को कूड़ा कचरा खाते हुए या फिर भूखा देखता हू तो



.........मुझे बड़ा दुःख होता है जब मै गायों को कूड़ा कचरा खाते हुए या फिर भूखा देखता हू तो .....
.....और उससे भी बड़ा दुःख यह जानकर होता है यह हमारी माँ के समान है इसके अंदर हमारे देवी देवता निवास करते है मै यह पूर्ण रूप से सत्य मानता हू ...लेकिन हम सिर्फ और सिर्फ इसपर राजनीति करते है ....
.....और यह सब देख कर मुझे शक होने लगता है ऐसे लोगो पर जो गो रक्षा के लिए लंबे लंबे भाषण कहते है ....
.....लेकिन वास्तव में वे इस क्षेत्र में कार्य कुछ भी नहीं करते है सिर्फ समस्या बताते है समाधान नहीं समस्या तो सभी को पता है फिर सबमें और उनमे क्या अंतर रह गया ? ..
...तब दिमाग में ऐसा प्रश्न आता है की ये लोग सच्चे दिल से बिना राजनीती के चाहे तो गो रक्षा कर सकते है ..अगर फिर भी नहीं तो सोचता हू क्यों नहीं कर सकते ......
.....फिर सोचता हू अगर कर सकते है तो फिर करना क्यों नहीं चाहते .......
....काफी सोच विचार करने के बाद पता चला की फिर तो इनकी राजनीती ही बंद हो जायेगी ........और ऐसा ये चाहते नहीं ...................
माफ़ी चाहूँगा अगर आपकी भावना या दिल कोई ठेस पहुचती है तो लेकिन मै ये सब एक समस्या के समाधान हेतु बिना राजनीत की भावना से लिख रहा ....
जय गाय माँ
जय हिंद जय भारत

       *************पवन कुमार सिन्ह **********

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